उत्तराखंड स्थित प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में सुरक्षा को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब मंदिर में सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह निर्णय हाल ही में मंदिर परिसर में हुए हंगामे के बाद लिया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं ने नियमों का उल्लंघन किया और सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट की।
बीते दिनों पीलीभीत से आए श्रद्धालुओं ने रात के समय मंदिर के कपाट बंद होने के बावजूद गेट फांदकर मंदिर में घुसने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने पालतू कुत्तों को भी अपने साथ लाया और सुरक्षा गार्डों से झगड़ा किया। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन और एएसआइ ने तत्काल कार्रवाई की और इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए नए सुरक्षा नियम लागू किए।
एएसआइ ने मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक नोटिस चस्पा किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि श्रद्धालुओं को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम मंदिर की सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
नए नियमों के लागू होने से श्रद्धालुओं को मंदिर में अधिक व्यवस्थित और शांतिपूर्ण माहौल मिल सकेगा। एएसआइ ने बताया कि यह निर्णय सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि सभी भक्तों को मंदिर परिसर में सुरक्षित और शांतिपूर्ण अनुभव प्राप्त हो सके।
*ये हैं नियम*
एएसआइ ने जागेश्वर धाम के मंदिर प्रवेश द्वार पर एक नोटिस चस्पा करते हुए कहा है कि “प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष नियम 1959” के अध्याय 02, नियम 05(1) के अनुसार राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक जागेश्वर मंदिर समूह को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही खोला जाएगा। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि इस नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय के तहत श्रद्धालुओं और यात्रियों को मंदिर के निर्धारित समय के बाहर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जिससे मंदिर की सुरक्षा और अनुशासन सुनिश्चित किया जा सके।